मामला :
हम बात करने वाले है टीम
इंडिया के ऐसे खिलाडी की जिसके लिए टीम में अच्छे खिलाडियों की कोई वैल्यू नहीं है
उस खिलाडी की जगह टीम में हमेशा फिट होती है जहाँ टीम इंडिया महेंद्र सिंह धोनी के
सन्यास लेने के बाद टीम में नया धोनी तलाश कर रही है वही कुछ ऐसे खिलाडी भी है जो टीम इंडिया में
खुद को खेलते देखना चाहते है
क्यूंकि भारत की १४० करोड़
की जनसँख्या में बहुत सारे ऐसे खिलाडी है जो क्रिकेट में अपना भविष्य बनाने के लिए
दिन रात मेहनत कर रहे है और एक अच्छा खिलाडी बनाने की कोशिश में वो हर रोज जी तोड़
मेहनत करते है लेकिन उनकी इस मेहनत पर BCCI की चयन
प्रक्रिया पानी फेर देती है
वाही भारतीय टीम के
कप्तान जहा सीनियर खिलाडियों के टीम में सिलेक्शन रहते हुए भी ये कहकर साइड
कर देते है की उसको मौका चाहिए. वाही कई
खिलाडी मौके की तलाश में अपना नाम आने का इंतजार कर रहे है. टीम इंडिया के इस
प्रकार के सिलेक्शन कमेटी पर सवालिया निसान
लगते रहे है लेकिन सभी सवालो को दर किनार कर एक विशेष खिलाडी का चयन टीम के
लगभग हर सीरीज में होता रहा है bcci और टीम के सिलेक्टर के इस रवैये से ऐसा लगता है जैसे कही bcci और टीम के सिलेक्टर ने कही कोई रिश्ते दारी तो नहीं निभाईजा रही है .
सवाल :
हम बस इतना पूछना
चाहते है की क्या भारत की १४० करोड़ की जन्शंख्या में इतने खिलाडी नहीं है की उनको
भी महेंद्र सिंह धोनी की जगह टीम में खेलने का मौका दिया जा सके सिर्फ एक ही खिलाडी का सिलेक्शन
भारत की १४० करोड़ की जनसँख्या का मजाक बनाती है . जबकि टीम में सीनियर खिलाडी उसी
काम को करने के लिए एक बेहतर बिकल्प के
तौर पे मौजूद होते है तो आप उन खिलाडियों को नए खिलाडी को मौका देने के नाम पर
नजरअंदाज कर देते है . तो क्यों न सिर्फ एक खिलाडी को छोड़कर अन्य खिलाडियों को भी
मौका दिया जाए.
हो सकता हो उस विशेष
खिलाडी से बेहतर हो कोई ऐसा खिलाडी जो पूरा इतिहास बदल कर रख दे . धोनी के बाद टीम
इंडिया को जरूरत थी एक विकेट कीपर बल्लेबाज की जो कमी kl Rahul ने थोड़े दिनों तक पूरी की जिसके बाद kl Rahul को टीम इंडिया का नया धोनी कहा जाने लगा लेकिन ये
धोनी एक खिलाडी और सेक्शन कमेटी के आगे ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाया और टीम
इंडिया को फिर से एक नया धोनी खोजने की जरूरत पड़ी और ये जरूरत खत्म भी हो गयी लगता
है टीम इंडिया को धोनी मिल सा गया लगता है
जो धोनी तो नहीं है लेकिन उसे जबरदस्ती सिलेक्शन कमेटी धोनी बना रही है
मौका दे कर . और बेहतर खिलाडियों को बहार बेंच पर बैठने को मजबूर कर रही है. ऐसा
लग रहा है जैसे सिलेक्शन कमेटी पर कही उसने जादू तो नहीं किया है या फिर भगवान्
जाने की उसकी तरफसे सिलेक्शन कमेटी का मोह भंग ही नहीं होता है. हर सीरीज में उसकासिलेक्शन पक्का होता है
क्या कोई और खिलाडी
इंडिया में बचा ही नहीं है . सवाल ये भी है की अगर किसी भी खिलाडी को इतने मौके दिए जाए तो गली क्रिकेट
खेलने वाला खिलाडी भी महान खिलाडी बन सकता है.
सुझाव :
इंडिया में ऐसे बहुत
से खिलाडी है जो बहुत बेहतर प्रदर्शन कर रहे है एक बार उनको भी मौका मिलना चाहिए.
अगर किसी भी खिलाडी को इतने मौके दिए जाये और बेहतर प्रैक्टिस के लिए उसको
विशेसग्यो की सलाह मिलती रहेगी तो कोई भी खिलाडी बेहतर बन सकता है
इसलिए किसी एक खिलाडी
पर कृपादृष्टि न बनाते हुए सभी खिलाडियों को मौका मिलना चाहिए. हो सकता हो की बहुत
से ऐसे खिलाडी मिल जाये जो बहुत बहतर हो
जो आपकी खोजो को ख़त्म कर दे. क्युकी बहुत से खिलाडी अपनी बारी का इन्तजार
कर रहे है .
जब से आईपीएल सुरु हुआ
है तब से खुछ खिलाडियों को अपना टैलेंट दिखने का मौका मिलना सुरु हुआ है नहीं तो
पता नहीं कितने खिलाडी ऐसे ही बिना खेले सन्यास की घोस्दा कर देते . सिलेक्शन में आईपीएल ने अहम् भूमिका निभाई है
लेकिन फिर भी बहुत सारे ऐसे खिलाडी भी आईपीएल में ऐसा प्रदर्सन कर चुके है जिनकासिलेक्शन टीम इंडिया में होना चाहिये था लेकिन पता नहीं क्यों नहीं हो पाया है .
आज भी ऐसे बहुत से
खिलाडी ऐसे है जिनका प्रदर्शन बहुत अच्छा है लेकिन एक विशेष खिलाडी की वजह से नहो
हो पा रहा है . मेरा सिर्फ इतना रिक्वेस्ट
है सभी खिलाडियों का सपना होता है टीम इंडिया के लिए खेलना जो इंडिया से संबंद
रखते है और उनक ये सपना उनकी म्हणत और लगन को देखते हुए पूरा किया जाना जरूरी है. न
कि किसी विशेष खिलाडी का मनोरंजन करने के लिए उसका चयन किया जाये.
BLOG BY : PDRATNESH
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